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बवासीर  का  सफल आयुर्वेदिक इलाज

बवासीर, गुदा और मलाशय की दीवार में मौजूद फैली हुई या मुड़ी हुई रक्त वाहिकाएं होती हैं. दबाव बढ़ने की वजह से ये वाहिकाएं सूज जाती हैं और गुदा के अंदर या बाहर गांठें बन जाती हैं. इन गांठों की वजह से दर्द या रक्तस्राव हो सकता है. बवासीर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे: मल त्याग करते समय ज़्यादा ज़ोर लगाना, गर्भावस्था के दौरान गुदा की नसों पर दबाव पड़ना, दीर्घकालिक कब्ज़, दीर्घकालिक डायरिया, भारी वज़न उठाना. 

बवासीर के शुरुआती लक्षण: गुदा में दर्द, खुजली, सूजन, मल त्याग करते समय खून निकलना. 

बवासीर के कुछ और लक्षण:

  • गुदा के आस-पास दर्दनाक गांठ महसूस होना

  • गांठ में खून के थक्के होना

  • मल त्याग करने के बाद चमकीला लाल खून दिखना

  • गुदा के आस-पास का क्षेत्र लाल, दर्दनाक और खुजली वाला होना

  • मल त्याग करने के बाद ऐसा महसूस होना कि आंतें अभी भी भरी हुई हैं

  • मल त्यागने से दर्द होना 

 

बवासीर के ज़्यादातर लक्षण इलाज के बिना ठीक हो जाते हैं. इसके लिए, आप ये उपाय आज़मा सकते हैं: फ़ाइबर से भरपूर आहार, ज़्यादा से ज़्यादा तरल पदार्थ पीना, गैर-एस्टरॉएड सूजन रोधी दवा (NSAID) लेना, आराम करना, गर्म पानी से. 

इसका मकसद सिर्फ़ जानकारी देना है. स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह या जांच के लिए, किसी पेशेवर डॉक्टर से बात करें. जनरेटिव एआई की सुविधा फ़िलहाल एक्सपेरिमेंट के तौर पर उपलब्ध है.

बवासीर की शुरुआत कैसे होती है
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अजब आयुर्वेदा

आज के वर्तमान समयानुसार " रोग मुक्त समाज " की स्थापना हेतु प्रतिबद्ध आज के समय में पुरुषों / महिलाओं में बीमारियों की समस्याएं और यौन रोग बहुत सामान्य बात हो गई हैं जो यौन स्वास्थ्य के साथ-साथ सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करती हैं।

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