
धात रोग

कुछ स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी होती हैं, जिनके बारे में खुलकर बात करने में शर्मिंदगी महसूस होती है। उन्हीं समस्या में से एक है, धात रोग। यह यौन संबंधी ऐसी समस्या है, जो खुद के प्रति बरती गई लापरवाही की वजह से होती है।
इस बीमारी से ग्रसित होने पर आत्मविश्वास इस कदर डगमगा जाता है कि व्यक्ति की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित होने लगती है। अगर भारत की बात करें, तो यहांं इस समस्या को आम माना गया है ।
धात रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति में आवश्यकता से अधिक स्वखलन होता है या लिंग से तरल पदार्थ निकलता रहता है जिसे धातु रोग या धात गिरना कहते हैं. या पेशाब के पहले या बाद में वीर्य का गिरना धातु रोग कहलाता है. वीर्य का निर्वाहन अक्सर मूत्र के साथ होना या अचानक होने वाले स्वखलन पीड़ित व्यक्ति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है विशेष रूप से यौन स्वास्थ्य में.
इस प्रकार की समस्या को प्राकृतिक उपचारों से ठीक किया जाता है. धातु रोग के लक्षणों में उर्जा की कमी, यौन इच्छा में कमी, कब्ज और सर्दी आदि शामिल है. धातु रोग की समस्या के दौरान गुप्त अंगों में खुजली भी हो सकती है. क्योंकि यहां की त्वचा बहुत शुष्क हो जाती है.
रोग के कारण
धातु रोग यानी स्पर्मेटर्रिया एक गंभीर समस्या है, जिससे बचाव के लिए धात रोग के कारण के बारे में जानना जरूरी है। नीचे, हम धातु रोग के अनुमानित कारणों के बारे में बता रहे हैं
-
अधिक हस्तमैथुन
-
ह्रदय, लिवर, व किडनी में असंतुलन
-
आंत में होने वाले कीड़े
-
भावनात्मक असंतुलन
-
अधिक यौन गतिविधि
-
शराब का सेवन
-
Qi की कमी (ऊर्जा की कमी)
-
दवाओं का सेवन, जैसे – टोपिरामेट
-
एक्जिमा व दाद
-
धात रोग के लक्षण
सिर्फ पुरुषों को ही नहीं, बल्कि महिलाओं को भी धात रोग हो सकता है। इसके कुछ लक्षण समय के साथ गंभीर होते जाते हैं। इसके कुछ आम लक्षण हम नीचे बता रहे हैं
-
कमर में दर्द विशेष रूप से कमर के निचले भाग में
-
कमर के निचले भाग में दर्द जिसकी दर्द की तरंगें नीचे तक जाएँ
-
गर्म और नम हथेलियां और तलवे
-
अंडकोष क्षेत्र में पसीना आना,
-
रात को पसीना आना,
-
चक्कर आना,
-
अंडकोष या पेरिनियम में दर्द,
-
सामान्य कमज़ोरी,
-
गर्म और नम त्वचा,
धात रोग के कारण
-
पुरूष जननांग टेस्टेस (वृषण) को बाकी शरीर के तापमान से कुछ हद तक ठंडा रखना चाहिए। जब टेस्टेस अधिक गर्मी के प्रभाव में आते हैं, (जैसे गर्म पानी के टब में नहाने के बाद) ऐसे में रात को सोने के बाद शुक्राणु निकालने लगते हैं, क्योकिं शुक्राणु की सप्लाई क्षतिग्रस्त हो जाती है।।
-
यौन उत्तेजनाओं को प्रभावित करने वाला दृश्य या ख्याल आने पर भी इस समस्या का पैदा होना लाज़मी है।
-
खारब आहार भी इस समस्या का एक कारण है। कम प्रोटीन युक्त आहार, या बिना अंडे वाले आहार का सेवन करना भी लाभदायक साबित हो सकता है।
-
इसके अलावा, अधिकांश पूर्वी शहर, वेस्टर्न शौचालय से रहित हैं। उनके शौचालय जमीन पर लगाए जाते हैं क्योंकि पुरुषों को उन पर उकड़ू बैठने की आवश्यकता पड़ती है। इस अवस्था में जब मल त्याग करने के लिए अत्याधिक जोर लगाया जाता है, तो वीर्य अपने आप निकलने लगता है। अगर वीर्य निकलने की समस्या रोजाना होने लगे तो यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है।
-
आदमी को अपने दैनिक मल क्रिया से पूरी तरह से पेट साफ कर सकता है।
-
तंत्रिका तंत्र की कमजोरी।
-
मूत्र और जननांग अंगों की क्षीणता।
-
अत्याधिक हस्थमैथुन करने की आदत।
धात रोग का इलाज
धात रोग का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। ऐसे में धातु रोग का इलाज करने के लिए इसकी वजह का पता लगाना जरूरी है। डॉक्टर प्रभावित व्यक्ति से उसकी दिनचर्या, जीवन और किसी अन्य बीमारी से संबंधित दवाओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं। अगर किसी दवा के साइड इफेक्ट की वजह से धात रोग हुआ है, तो उन दवाओं को बदलने की सलाह दे सकते हैं। वहीं, अगर धातु रोग तनाव की वजह से हुआ है, तो डॉक्टर एंटी-एंजाइटी दवाएं लेने के साथ ही तनाव को कम करने की एक्सरसाइज करने की सलाह दे सकते हैं
शरीर की नियमित तेल से मालिश करने से भी राहत मिल सकता है यह धातु रोग के इलाज के लिए काफी प्रभावी होता है. आयुर्वेदिक तेल मालिश से पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ावा मिलता है जो कि यौन कमजोरियों को दूर करने में मददगार होता है. नियमित रूप से तेल मालिश करा कर आप धातु रोग का उपचार कर सकते हैं. मालिश के दौरान उचित रक्त परिसंचरण और नसों की प्राकृतिक उत्तेजना में सुधार देखा गया है.
स्पर्म समस्याओं का इलाज करने के लिए एक और उपाय है शरीर को पर्याप्त ठंडा रखना। इसके लिए आप रात को सोने से पहले एक ठंडा स्नान ले सकते हैं। यह आपको फ्रेश रखता है जिससे आपको नींद अच्छी आती है।
अगर आपको इस समस्या के साथ अन्य लक्षण जैसे आपके वीर्य या मूत्र में रक्त आना, अजीब सी बदबू आना, स्खलन में परिवर्तन पेशाब या स्खलन होने पर दर्द, ऐसा निर्वहन जो स्वस्थ या सामान्य वीर्य जैसा न हो आदि महसूस होते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।

